मनीषा एस इनामदार

Prof.

मनीषा एस इनामदार

जे सी बोस राष्ट्रीय फेलो, एफएनएएससी, एफआईएएससी
डीबीटी इन स्टेम में निदेशक तथा जेएनसीएएसआर में प्रोफेसर

प्रो. मनीषा इनामदार कोशिका और विकासात्मक जीवविज्ञानी हैं, जिन्हें हृदय विकास के तुलनात्मक विश्लेषण में अनेक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने जेएनसीएएसआर में स्टेम सेल और विकास जीव विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षण और समकालीन अनुसंधान दोनों की शुरुआत की। प्रोफेसर इनामदार के समूह ने भारत में मानव भ्रूण स्टेम सेल लाइनों की स्थापना की और स्तनधारी हृदय विकास पर बड़े पैमाने पर काम किया है। उसकी प्रयोगशाला में विकास के दौरान कोशिका वंश विशिष्टता और विभेदीकरण का अध्ययन किया जाता है। उन्होंने रक्त और हृदय प्रणाली में प्रारंभिक रूप से व्यक्त अभिनव जीन की भूमिकाओं को समझने के लिए भ्रूण स्टेम सेल मॉडल, माउस विकास जीव विज्ञान और ट्रांसजेनिक्स और ड्रोसोफिला आनुवंशिकी का उपयोग कर एक अद्वितीय तुलनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। उनका वर्तमान ध्यान स्टेम सेल मॉडल के साथ-साथ नैदानिक अध्ययनों का उपयोग कर स्तनधारी विकास का विश्लेषण करने पर है।

            The Inamdar laboratory derived the first well-characterized human embryonic stem cell lines representing the Indian ethnic background- importantly, these were from unusable, discarded embryos. They established novel protocols to generate cardiomyocytes from these cells. The cell lines are deposited in the UK Stem Cell Bank and have been distributed worldwide and included in the International Stem Cell Initiative (ISCI2) project involving 22 countries - which is the only contribution from India in this project. Indian researchers now have internationally accepted indigenous stem cells which provide a unique platform for genetic and chemical screens and developing therapies. They have also generated and characterized mouse and human induced pluripotent stem (iPS) cells with the aim to use patient-derived iPS cells as disease models.

            Prof. Inamdar has actively participated in collaborative research with several leaders in the field of stem cell and cardiovascular biology through international programs funded by the UK India Education and Research Initiative (UKIERI), Indo US Science and Technology Forum (IUSSTF) and The Wellcome Trust, UK. She participated in and organized several national and international meetings in the area of stem cells. She has trained over eighty researchers in stem cell culture and is currently the member of WHO expert advisory committee on Developing global standards for governance and oversight of Human Genome editing. 

पद

अगस्त 2022 – से वर्तमान तक निदेशक, स्टेम सेल बायोलॉजी एंड रिजनरेटिव मेडिसिन (डीबीटी-इन स्टेम) में प्रतिनियुक्ति पर

2019 - 2022        चेयर, आण्विक जैविकी एवं आनुवांशिकी एकक, जेएनसीएएसआर

2018 - 2021       आगंतुक प्रोफेसर, टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसायटी (टीआईजीएस-सीआई)

2015 - 2019       डीन, फेलोशिप एवं एक्सटेंसन प्रोग्राम, जेएनसीएएसआर

2012 - 2022       प्रोफेसर, जेएनसीएएसआर

2009 - 2018       सहायक प्रोफेसर, इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल बायोलॉजी एंड रिजनरेटिव मेडिसिन (इन स्टेम)

पुरस्कार और फेलोशिप

2019               जे सी बोस फेलोशिप

2018               फेलो, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी

2017               डॉ. कल्पना चावला पुरस्कार

2017               फेलो, भारतीय विज्ञान अकादमी

2011               राष्ट्रीय युवा महिला बायोसाइंस पुरस्कार (जैव-प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार)

2011               करियर विकास के लिए राष्ट्रीय बायोसाइंस पुरस्कार (जैव-प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार)

1999 - 2002   भारतीय विज्ञान अकादमी के युवा एसोसिएट

 

वित्त-पोषण

एसईआरबी, जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (DBT)

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST)

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)

यूके भारत शिक्षा एवं अनुसंधान पहल (UKIERI)

इंडो-यूएस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (IUSSTF)

DBT के तहत इंडो-दानिश प्रोग्राम

दि इंडो-फ्रेंच सेंटर फॉर दि प्रमोशन ऑफ एडवांस्ड रिसर्च (CEFIPRA)

 

सदस्यता

गवर्नेंस के वैश्विक मानक विकसित करने और मानव जीनोम एडिटिंग की निगरानी, डबल्यूएचओ की विशेषज्ञ सलाहकार समिति

भारतीय विकास जीव विज्ञानी सोसाइटी

भारतीय कोशिका जैविकी सोसाइटी

सोसाइटी फॉर डेवलपमेंट बायोलाजी, यूएसए

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्टेम सेल रिसर्च (ISSCR), यूएसए

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर एक्सपेरिमेंटल हेमेटोलॉजी