अधिसदस्यता तथा विस्तरण कार्यक्रम

परिचय (प्रस्तावना)

विभिन्न तत्कालीन क्षेत्रों में अनुसंधान के अनुसरण करने के अतिरिक्त केंद्र के यहाँ, अनेक विज्ञान अधिगम तथा अधिसदस्यता कार्यक्रम निहित हैं। ऐसा ही एक कार्यकलाप है, युवा विद्यार्थियों के लिए ग्रीष्म अनुसंधान अधिसदस्यता कार्यक्रम। वर्ष 1990 में इसकी स्थापना के समय से अबतक लगभग 2000 विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम से लाभ उठाया है। प्रतिवर्ष लगभग 2000 आवेदन प्राप्त होते हैं, उनमें से 50-60 अधिसदस्यताएँ प्रस्तुत की जाती हैं। यह कार्यक्रम केंद्र के अत्यंत स्वागतार्ह कार्यक्रम रहा है तथा विद्यार्थी इसके लाभों की अत्यंत प्रशंसा करते हैं, जो उन्हें अपनी शिक्षा के आरंभिक स्तर के दौरान ही वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति प्रेरित होने के लिए समर्थ बनाता है।

स्नातकपूर्व स्तर से ही वैज्ञानिक अनुसंधान के उन्नयन के लिए एक और सूत्रपात के रूप में हमने आरंभिक रूप में रासायनिकी एवं जैविकी में कार्यक्रमों का सूत्रपात किया है। परियोजना अभिमुखी रासायनिकी शिक्षा (पीओसीई) तथा परियोजना अभिमुखी जैविकी-शिक्षा (पीओबीई) कार्यक्रमों ने क्रमश: 11 तथा 9 वर्षों को पूरा किया है। इन कार्यक्रमों के प्रत्येक के लिए देशभर के दस मेधावी विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। इसके अंश के रूप में विद्यार्थी अपने मध्य सत्रीय विरामों के दौरान लघु परियोजनाओं पर केंद्र के संकाय सदस्यों के साथ कार्य करते हैं। वे केंद्र पर विशेष व्याख्यानों तथा संगोष्ठियों में भी भाग लेते हैं। तीन ग्रीष्मकालीन अवधियोंवाले अपने प्रशिक्षण को पूरा कर लेने पर उन्हें रासायनिकी या जैविकी (जो भी लागू हो) में डिप्लोमा प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।

इन कार्यक्रमों के अतिरिक्त, केंद्र के संकायों तथा मानद संकायों के साथ कार्य करने हेतु शैक्षिक संस्थाओं तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगालयों के अनुसंधान वैज्ञानिकों को यह केंद्र आगंतुक विज्ञानी अधिसदस्यताएँ भी प्रस्तुत करता है। अनेक युवा अनुसंधानकर्ताओं के द्वारा इस कार्यक्रम का स्वागत किया गया है, क्योंकि इस केंद्र पर प्रशिक्षण तथा अनुसंधान प्राप्त कर लेने के बाद अपने-अपने मूल स्थापनाओं (कार्यालयों) में अपने कौशल को सानने या अपने-अपने प्रयोगालयों में अनुसंधान को विकसित कर लेने के लिए उन्हें समर्थ बना देता है।

यह केंद्र विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए विद्यालयों के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए भी कार्यशालाओं का आयोजन करता है। यह केंद्र शिक्षा प्रौद्योगिकी एकक के द्वारा विज्ञान की विभिन्न अंतर्शाखाओं में विशेषकर विद्यालयों के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए बहुमध्यमीय सीडी- रॉमों के संकल्पना, निर्माण तथा विकास में सक्रिय रूप में कार्यनिरत रहा है। देश के विभिन्न भागों में विज्ञान लोकप्रियता-कार्यक्रम को देशी भाषाओं में भी विषय-वस्तु को विकसित कर लिया गया है ।