सूची
प्रकोप (भावावेश) प्रतिरोधी
नाम | पद |
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प्रो. जी.यू. कुलकर्णी | अध्यक्ष (चेयर) |
प्रो. सुधीर के. दास | सदस्य |
प्रो. टी.एन.सी. विद्या | सदस्य |
सुश्री हेमलता महीषी | सदस्य |
उप निरीक्षक, अमृतहल्ली, पुलीस चौकी | सदस्य |
सुश्री अनीता जेम्मी फ्रान्सिस | सदस्य |
श्री सुहास के.टी | सदस्य |
डॉ. पन्नीर सेल्वम के | सदस्य-सचिव |
कार्यस्थल पर महिला यौन-उत्पीड़न (आईसीसी)
NAME | POSITION |
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प्रो. शोभना नरसिंहन | अध्यक्ष (चेयर) |
श्रीमती हेमलता महीषी | सदस्य |
डॉ. रंजनी विश्वनाथ | सदस्य |
प्रो. मेहबूब आलम | सदस्य |
प्रो. राजेश गणपति | सदस्य |
श्रीमती सुमा | सदस्य |
श्री जोयदीप देब | सदस्य-सचिव |
आंतरिक शिकायत समिति
NAME | POSITION |
प्रो. हेमलता बलराम | अध्यक्ष (चेयर) |
प्रो. के.आर. श्रीनिवास |
सदस्य |
श्री संपद पात्रा |
सदस्य |
श्री के भास्कर राव |
सदस्य |
श्रीमती चित्रा सी.एस. | सदस्य-सचिव |
विद्यार्थी शिकायत समाधान समिति
अध्यक्ष, एमबीजीयू | अध्यक्ष (चेयर) |
सहयोगी निदेशक आईसीएमएस | सदस्य |
वार्डन | सदस्य |
अध्यक्ष, ईएमयू | सदस्य |
परामर्शी चिकित्सा अधिकारी | सदस्य |
विद्यार्थी-प्रतिनिधि (पुरुष) | सदस्य |
विद्यार्थी-प्रतिनिधि (महिला) | सदस्य |
प्रशासनिक अधिकारी | सदस्य |
समन्वयक (शैक्षिक-अ व वि तथा अ व वि) | सदस्य-सचिव |
यह समिति विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत शिकायतों को देखेगी तथा इसके गुणदोषों की परीक्षा करेगी तथा परिसर पर सामना किए गए उत्पीड़न के मामलों को निभाने के लिए समर्थ है।
शिकायत प्रस्तुत करने की कार्यपद्धति
कोई भी विद्यार्थी, यथार्थ (सही) शिकायत के साथ समन्वयक (शैक्षिक) से व्यक्तिगत रूप से मिल सकता है । अगर कोई भी विद्यार्थी व्यक्तिगत रूप से शिकायत देना नहीं चाहता है, तो ऐसी शिकायत वे लिखित में कणाद भवन के शैक्षिक कार्यालय में रखी गई पत्र-पेटी / सुझाव-पेटी में डाल सकते हैं । शिकायतें ई-मेल-pselvam@jncasr.ac.in द्वारा समन्वयक को भेजी जा सकती हैं ।
उद्देश्य
- जनेउवैअकें में नामांकित विद्यार्थियों तथा साथ ही जनेउवैअकें में प्रवेश प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों से संबंधित विद्यार्थी सुख-सुविधाओं से संबंधित कुछ शिकायतों के समाधान करने हेतु मंच उपलब्ध कराना ।
- प्रवेश-प्रक्रिया, अपारदर्शी या अन्य अनुचित मूल्यांकन प्रक्रियाओं, विद्यार्थियों के आरोपित वर्णभेद आदि से संबंधित शिकायतें प्रस्तुत करना ।
समाधान
ऑफ-लाइन/ऑन लाइन से शिकायत प्राप्त होने पर विद्यार्थी शिकायत समाधान समिति द्वारा शिकायत की सुनवाई के लिए एक दिनांक निर्धारित किया जाएगा, जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है तथा शिकायत-ग्रस्त विद्यार्थी, उन्हें इस दिनांक के बारे में सूचित किया जाएगा तथा उन्हें सुनवाई में उपस्थित होने के लिए अनुरोध किया जाएगा ।
शिकायत-ग्रस्त विद्यार्थी, व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो सकता है अथवा किसी भी समर्थक उपलब्ध साक्ष्यों के साथ अपने मामले को प्रस्तुत करने हेतु अपने किसी भी प्रतिनिधि को प्राधिकृत कर सकता है । शिकायत के समाधान के लिए विद्यार्थी शिकायत समाधान समिति के प्रति प्रशासन अपना सहयोग प्रदान करेगा ।
यह समिति अपने निष्कर्षों की रिपोर्ट अध्यक्ष, केन्द्र के प्राधिकारी को प्रस्तुत करेगी।
जब परिवाद (शिकायत) पूर्णरूप से (मिथ्या) झूठा या क्षुद्र (असार) पाया जाए तो यह समिति परिवादी (शिकायती) के विरुद्ध समुचित कार्रवाई के लिए सिफारिश कर सकती है ।
व्याप्ति
निम्नलिखित में से किसी भी विषय पर विद्यार्थियों से प्राप्त लिखित / ऑनलाइन शिकायतों के बारे में यह समिति कार्य करेगी :
- शैक्षिक विषय (पाठ्यक्रम), प्रयोगालय विषय (अनुसंधान)
- वित्तीय विषय
- छात्रावास विषय
- अन्य विषय (यौन-उत्पीड़न से उपयुक्त)
प्रकार्य
- विद्यार्थी से लिखित शिकायत प्राप्त होने के बाद तत्परता से 15 दिनों के अंदर ही उनपर ध्यान दिया जाएगा । यह समिति प्रारंभ में प्रत्येक मामले की समीक्षा करेगी तथा बाद में तदनुसार कार्रवाई करेगी ।
- यह समिति अपने द्वारा ध्यान दिए गए मामलों के बारे में तथा उन विलंबित मामले अगर कोई हो, जिनके बारे में उच्चतर प्राधिकारियों से निदेश तथा मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, उनके बारे में प्राधिकारियों को अपनी रिपोर्ट देगी ।
- यह समिति उन मामलों पर कार्रवाई करेगी, जिन्हें आवश्यक प्रलेखों के साथ उन्हें प्रेषित किए जाते हैं ।
- यह शिकायत समिति यह सुनिश्चित करेगी कि शिकायत का समाधान (निराकरण) निर्धारित समय (एक महीने) के अंदर ही ठीक से किया गया है ।
टिप्पणी : प्रकोप (भावावेश) किसी भी रूप में कठोरता से निषिद्ध है । प्रकोप (भावावेश) या अनुशासनिक नियमों के उल्लंघन को संकायाध्यक्ष (डीन) (शैक्षिक) के ध्यान में तुरंत ही लाया जाएगा ।
Prevention of Caste Based Discrimination
NAME | POSITION |
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प्रो. हेमलता बलराम | चेयर |
प्रो. एम ईश्वरमूर्ति | सदस्य |
प्रो. जयंत हलदार | सदस्य |
डॉ.पन्नीर सेल्वम के | सदस्य |
श्रीमती चित्रा सी एस | सदस्य सचिव |
14/9/2020 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)
कार्यक्षेत्र
इस संस्थान में जाति के आधार पर भेदभाव करना निषिद्ध है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों / संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अ.जा. / अ.ज.जा. विद्यार्थियों द्वारा जाति संबंधी भेदभाव की शिकायत दर्ज करने और अ.जा. / अ.ज.जा. / अ.पि.व. के विद्यार्थियों, शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक स्टाफ से प्राप्त भेदभाव संबंधी शिकायतों को दूर करने के लिए वेबसाइट पर एक पेज उपलब्ध कराएं।
In terms of the UGC letter, a Committee has been constituted to address issues relating to caste discriminating complaints within the Centre and to submit a report with suggestions. यूजीसी के उक्त पत्र पर कार्रवाई करते हुए केंद्र में जाति संबंधी भेदभाव की शिकायतों को दूर करने और सुझाव की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति गठित की गई है। यह समिति जाति आधारित भेदभाव की नीतियों, जागरूकता कार्यक्रम, शिकायतें दर्ज करने की प्रक्रिया और शिकायत निवारण पर पूरी सक्रियता से कार्य करती है।
उद्देश्य:
- To eयह सुनिश्चित करना कि कोई अधिकारी या संकाय सदस्य किसी समुदाय या विद्यार्थी वर्ग, संकाय या स्टाफ सदस्यों के विरुद्ध किसी भी प्रकार के भेदभाव में संलिप्त नहीं होते हैं।
- जाति संबंधी भेदभाव से निपटते हुए केंद्र के अधिकारियों / संकाय सदस्यों को सचेत करना।
- To ensure that यह सुनिश्चित करना कि अधिकारी / संकाय सदस्य अ.जा. / अ.ज.जा. विद्यार्थियों के साथ उनके सामाजिक उद्गम के आधार पर भेदभाव के किसी भी कार्य से दूर रहेंगे।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
- जाति संबंधी भेदभाव की शिकायत विद्यार्थी / संकाय सदस्य या स्टाफ द्वारा लिखित रूप में पीसीडी समिति को दी जाएगी।
- लिखित शिकायत समिति के चेयर या सचिव को दी जानी चाहिए।
- शिकायत में भेदभाव के अभिकथित कार्य का समुचित विवरण होना चाहिए।
- लिखित शिकायत प्राप्त होने पर, समिति प्रारंभिक तथ्य प्राप्त करने की पूछताछ सहित, अनुवर्ती कार्रवाई शुरु करेगी।
निवारण
- समिति केंद्र में लिखित रूप में प्राप्त जाति आधारित भेदभाव से संबंधित शिकायतों को सुनेगी और उन्हें दूर करेगी।
- समिति समयबद्ध कार्य करेगी और समय-समय पर आवश्यक कार्रवाई करेगी।
- समिति शिकायतों के प्रेक्षण और परीक्षण के आधार पर केंद्र के चेयर / प्राधिकारियों को अपनी अनुशंसा करेगी।
- समिति की अनुशंसा के आधार पर, चेयर अपना अंतिम निर्णय देंगे या ऐसी शिकायतों की अतिरिक्त जांच करने के लिए, यदि आवश्यक हो और उचित समझा जाए, जांच समिति का अतिरिक्त गठन करेंगे।
- समिति निवारण के दौरान भारत सरकार के संबंधित अधिनियम और नियम तथा समय-समय पर लागू न्यायालय आदेशों का पालन करेगी।
- चेयर आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त सदस्य को शामिल कर सकते हैं और विद्यमान सदस्यों के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर उन्हें समिति से हटा सकते हैं।