नमिता सुरोलिया

Prof.

नमिता सुरोलिया

एफ.ए.एससी., एफ.एन.ए.एससी. विशिष्ट जैव-प्रौद्योगिकी अनुसंधान प्रोफेसर

प्रो. नमिता सुरोलिया ने प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के जीव विज्ञान और जैव रसायन में कई उत्कृष्ट योगदान दिए हैं, जो मनुष्यों में मलेरिया के सबसे घातक रूप का कारण बनता है। उनके इन योगदानों ने केवल परजीवी चयापचय मार्गों (हेम, प्रोटीन, और फैटी एसिड बायोसिंथेसिस) के पहले से स्थापित विचारों की समीक्षा की बल्कि मलेरिया के इलाज के लिए अभिनव दृष्टिकोण के विकास का मार्ग भी प्रशस्त किया। उनके योगदान की एक अनूठी विशेषता उनकी कुल स्वदेशी उत्पत्ति रही है जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मलेरिया अनुसंधान के क्षेत्र में गति तय की।

उसकी प्रयोगशाला आणविक जीव विज्ञान, कोशिका जीव विज्ञान, प्रोटिओमिक्स, जैव रासायनिक और सिस्टम जीव विज्ञान दृष्टिकोण का उपयोग कर सेरेब्रल और गंभीर मलेरिया में होस्ट-पैथोजन अंतःक्रियाओं के अंतर्निहित कार्यप्रणाली को समझने में भी रुचि रखती है।